जलियांवाला बाग हतà¥à¤¯à¤¾à¤•à¤¾à¤‚ड अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥‹à¤‚ के दमन और कà¥à¤°à¥‚रता का परिचायक
सà¥à¤–ाडयि़ा विवि के सामाजिक विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ à¤à¤µà¤‚ मानविकी कॉलेज में आयोजन उदयपà¥à¤°. जलियांवाला बाग हतà¥à¤¯à¤¾à¤•à¤¾à¤‚ड अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ शासन का सबसे बरà¥à¤¬à¤°à¤¤à¤¾à¤ªà¥‚रà¥à¤£ कृतà¥à¤¯ था। अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥‹à¤‚ के दमन और निरà¥à¤¦à¥‹à¤· के बलिदान की ये दासà¥à¤¤à¤¾à¤‚ आज à¤à¥€ रोंगटे खड़े कर देती है। ये विचार मोहनलाल सà¥à¤–ाडिया विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ उदयपà¥à¤° के सामाजिक विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ à¤à¤µ मानविकी महाविदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ की ओर से आयोजित विमरà¥à¤¶ यूसीà¤à¤¸à¤à¤¸à¤à¤š डायलॉग सीरिज जलियांवाला बाग हतà¥à¤¯à¤¾à¤•à¤¾à¤‚ड à¤à¤• कालजयी सीमा विषयक कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में मà¥à¤–à¥à¤¯ वकà¥à¤¤à¤¾ के तौर पर मीरा कनà¥à¤¯à¤¾ महाविदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के पà¥à¤°à¥‹à¤«à¤¼à¥‡à¤¸à¤° चंदà¥à¤°à¤¶à¥‡à¤–र शरà¥à¤®à¤¾ ने वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ किà¤à¥¤ कà¥à¤²à¤ªà¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¥‹ अमरीका सिंह की अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ में आयोजित कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤° में पà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¸à¤° शरà¥à¤®à¤¾ ने कहा कि 13 अपà¥à¤°à¥‡à¤² 1919 को जलियांवाला बाग हतà¥à¤¯à¤¾à¤•à¤¾à¤‚ड जनरल डायर की कà¥à¤°à¥‚रता ही थी। उसके à¤à¤• निरà¥à¤£à¤¯ ने हजारों लोगों को मौत के घाट उतार दिया। अंगà¥à¤°à¥‡à¤œ हà¥à¤•à¥‚मत ने à¤à¥€ इस निरà¥à¤£à¤¯ को सही बताते हà¥à¤ डायर को कà¥à¤²à¥€à¤¨ चिट दे दी। यह घटना सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ आंदोलन को कमजोर करने व हिनà¥à¤¦à¥‚ मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® à¤à¤•à¤¤à¤¾ को तोडऩे का षडयंतà¥à¤° था। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ आंदोलन का à¤à¤• टरà¥à¤¨à¤¿à¤‚ग पाइंट साबित हà¥à¤†à¥¤ जलियावाला काणà¥à¤¡ à¤à¤• नाइट मेयर की तरह है, जिसके खलनायक ओ डायर और à¤à¤®à¥ आर डायर थे। डायर को आधà¥à¤¨à¤¿à¤• à¤à¤¾à¤°à¤¤ का अहमद शाह अबà¥à¤¦à¤¾à¤²à¥€ कहना यà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ यà¥à¤•à¥à¤¤ होगा। जलियावाला नर संहार डायर की खà¥à¤¨à¥à¤¨à¤¸ का परिणाम था उसकी औपनिवेशिक जमीदारी सोच थी की à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯à¥‹à¤‚ को रेंगने वाला कीड़ा बना दिया जाय इनका मनोबल तोड़ दिया ताकि ये अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥‹à¤‚ के जà¥à¤²à¥à¤®à¥‹à¤‚ सितम को सहते रहें। इसी लिठरौलट à¤à¤•à¥à¤Ÿ जिसे बà¥à¤²à¥‡à¤• à¤à¤•à¥à¤Ÿ कहा गया उसका दà¥à¤°à¥à¤ªà¤¯à¥‹à¤— सबसे पहले अमृतसर में सतपाल आरà¥à¤¯ और सैफà¥à¤¦à¥à¤¦à¥€à¤¨ किचलू को निरà¥à¤µà¤¾à¤¸à¤¿à¤¤ कर किया और लगà¤à¤— 2 हजार लोगों को à¤à¥‚नकर रख दिया 1650 राउंड गोलियों से। अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥‹ के कमिशनों ,जांच समितियों में मौत के आकंड़े छिपाने का खेल हà¥à¤†à¥¤ इस नरसंहार का बदला और पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¥‹à¤§ लेने वाला ओ डायर को लंदन जा कर à¤à¤• अनाथ 21 वरà¥à¤·à¥€à¤¯ उधम सिंह था जिसने 20 साल की साधना कर ,खानसामा का कारà¥à¤¯ कर 1940 में लंदन में डायर को गोली मारी और फांसी की सजा à¤à¥à¤—ती,,à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ सà¥à¤µà¤¾à¤à¤¿à¤®à¤¾à¤¨ की रकà¥à¤·à¤¾ की।जलियावाला काणà¥à¤¡ चाहे दà¥à¤–द है परराषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ छवि में यह कालजयी बना हà¥à¤† है तà¤à¥€ तो 1913 के मानगढ़ को राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ का जलियावाला कहा जाता है। कà¥à¤²à¤ªà¤¤à¤¿ सिंह ने कहा कि हमारा इतिहास गौरवपूरà¥à¤£ रहा है। à¤à¤¸à¥‡ समारोह से नई पीढ़ी तक à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• तथà¥à¤¯ का जà¥à¤žà¤¾à¤¨ सही पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° से पहà¥à¤‚चता है। सà¥à¤–ाडया विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ ओर से लगातार इस दिशा में पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ किठजा रहे हैं। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा की विमरà¥à¤¶ का विषय चयन à¤à¥€ à¤à¤¸à¥€ ही मंशा से किया गया है। वागड़ का मानगढ़ à¤à¥€ जलियावाला बाग... इससे पूरà¥à¤µ अतिथियों का सà¥à¤µà¤¾à¤—त करते हà¥à¤ कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® संयोजक पà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¸à¤° सीमा मलिक ने जलिया वाला बाग हतà¥à¤¯à¤¾à¤•à¤¾à¤‚ड की तà¥à¤²à¤¨à¤¾ वागड़ के मानगढ़ धाम से करते हà¥à¤ कहा कि दोनों ही घटनाà¤à¤‚ अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ शासन काल में घटित हà¥à¤ˆ और हजारों निरà¥à¤¦à¥‹à¤· लोगों की जान ले ली गई। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि देश के सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ संगà¥à¤°à¤¾à¤® के दौरान हजारों लोगों ने अपना बलिदान दिया। हमें सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ के मायने को समà¤à¤¨à¤¾ होगा। शहीद ऊधमसिंह के नाम होगा संगोषà¥à¤ ी ककà¥à¤· कà¥à¤²à¤ªà¤¤à¤¿ ने यूनिवरà¥à¤¸à¤¿à¤Ÿà¥€ परिसर में संगोषà¥à¤ ी ककà¥à¤· का उदà¥à¤˜à¤¾à¤Ÿà¤¨ किया। इस दौरान कà¥à¤²à¤ªà¤¤à¤¿ ने à¤à¤µà¤¨ का नाम शहीद ऊधमसिंह के नाम पर किठजाने की घोषणा की। विजेता विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का समà¥à¤®à¤¾à¤¨ विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ की ओर से आयोजित दांडी यातà¥à¤°à¤¾ सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ की ओर à¤à¤• कदम विषय निबंध पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤¾ के वितेजाओं को à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤—िता में पà¥à¤°à¤¸à¥à¤•à¥ƒà¤¤ किया गया। पà¥à¤°à¤¥à¤® सेमेसà¥à¤Ÿà¤° विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ महाविदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ को पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ किया गया। पà¥à¤°à¤¥à¤® पà¥à¤°à¤¸à¥à¤•à¤¾à¤° 1500 रà¥à¤ªà¤ शिवानी बोहरा à¤à¤®à¤à¤¸à¤¸à¥€ वनसà¥à¤ªà¤¤à¤¿ विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤¥à¤® सेमेसà¥à¤Ÿà¤°, दà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥€à¤¯ पà¥à¤°à¤¸à¥à¤•à¤¾à¤° 1200 रà¥à¤ªà¤ नकद व पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£à¤ªà¤¤à¥à¤° विधि महाविदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ की बी.à¤.à¤à¤².à¤à¤².बी. तृतीय सेमेसà¥à¤Ÿà¤° की छातà¥à¤°à¤¾ सà¥à¤¶à¥à¤°à¥€ हरà¥à¤·à¥€ वरà¥à¤®à¤¾ को दिया गया। तृतीय पà¥à¤°à¤¸à¥à¤•à¤¾à¤° रà¥.1000 नकद सà¥à¤¶à¥à¤°à¥€ लता नूर, à¤à¤®.à¤. अरà¥à¤¥à¤¶à¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥à¤° पà¥à¤°à¤¥à¤® सेमेसà¥à¤Ÿà¤° वि.सा.वि.à¤à¤µà¤‚ मा.वि. तथा शà¥à¤°à¥€ शैतान सिंह विशà¥à¤¨à¥‹à¤ˆ, शिकà¥à¤·à¤¾ विà¤à¤¾à¤—, मोहनलाल सà¥à¤–ाडिय़ा विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ को पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ किया गया। दो सांतà¥à¤µà¤¨à¤¾ पà¥à¤°à¤¸à¥à¤•à¤¾à¤° सà¥à¤¶à¥à¤°à¥€ कशिश खटिक, बी.à¤. ऑनरà¥à¤¸ पà¥à¤°à¤¥à¤® वरà¥à¤· वि.सा.वि. à¤à¤µà¤‚ मानविकी महाविदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ तथा मेघा गहलोत, बी.à¤à¤¸.सी. दà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥€à¤¯ वरà¥à¤·, सेठमथà¥à¤°à¤¾à¤¦à¤¾à¤¸ बिनानी राजकीय महाविदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯, नाथदà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ को पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ किया गया।कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में डी.à¤à¤¸. डबà¥à¤²à¥à¤¯à¥‚ पà¥à¤°à¥‹. पूरणमल यादव, आनंनदम के संयोजक पà¥à¤°à¥‹. नीरज शरà¥à¤®à¤¾, सह अधिषà¥à¤ ाता जिनेनà¥à¤¦à¥à¤° जैन, डॉ. शà¥à¤•à¥à¤²à¤¾, पà¥à¤°à¥‹. कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ जैन, डॉ. मीनाकà¥à¤·à¥€ जैन, डॉ. सà¥à¤°à¥‡à¤¶ सालà¥à¤µà¥€, डॉ. डॉली मोगरा, डॉ. विजया दीकà¥à¤·à¤¿à¤¤ आदि उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ थे । संचालन महाविदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ की सहअधिषà¥à¤ ाता छातà¥à¤° कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ तथा कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® की सहसंयोजक डॉ.नेहा पालिवाल ने किया तथा धनà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ जà¥à¤žà¤¾à¤ªà¤¨ महाविदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के पà¥à¤°à¥‰à¤•à¥à¤Ÿà¤° तथा कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® के सहसंयोजक डॉ. पी.à¤à¤¸. राजपूत ने किया। जलियांवाला हतà¥à¤¯à¤¾à¤•à¤¾à¤‚ड विषय निबंध पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤—िता के विजेता विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को समारोह में समà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¤ किया गया। समरोह के सलाहकार- जिनेनà¥à¤¦à¥à¤° जैन सहअधिषà¥à¤ ाता सामाजिक व मानविकी संकाय विà¤à¤¾à¤—, सहसंयोजक -डॉ पी à¤à¤¸ राजपूत, सहसयोजक - डॉ नेहा पालीवाल थी।
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Last Updated on : 15/01/25
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