इतिहास विà¤à¤¾à¤— सà¥à¤µà¤¿à¤µà¤¿ की इतिहास लेखन कारà¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ का उदà¥à¤˜à¤¾à¤Ÿà¤¨
इतिहास विà¤à¤¾à¤— सà¥à¤µà¤¿à¤µà¤¿ की इतिहास लेखन कारà¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ का उदà¥à¤˜à¤¾à¤Ÿà¤¨
तकनीकी यà¥à¤— के अनà¥à¤°à¥‚प विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ à¤à¤µà¤‚ तकनीक के इतिहास लेखन पर जोड़ दिठजाने की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ है विशेषकर मेवाड़ के धातॠविजà¥à¤žà¤¾à¤¨ को विशà¥à¤µ पटल पर लाया जाठपà¥à¤°à¥‹. अमेरिका सिंह
à¤à¤¾à¤µà¥€ पीढ़ियों के लिठसंसà¥à¤•à¤¾à¤° à¤à¤µà¤‚ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ को बचाने हेतॠतथà¥à¤¯à¥‹à¤‚ पर आधारित निषà¥à¤ªà¤•à¥à¤· इतिहास लेखन महती आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ है। चितà¥à¤¤à¥Œà¤¡à¤¼ सांसद सी. पी. जोशी
इतिहास विà¤à¤¾à¤— मोहनलाल सà¥à¤–ाड़िया विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ की इतिहास लेखन कारà¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ के उदà¥à¤˜à¤¾à¤Ÿà¤¨ सतà¥à¤° पर बोलते हà¥à¤ विशिषà¥à¤Ÿ अतिथि चितà¥à¤¤à¥Œà¤¡à¤¼ सांसद सीपी जोशी ने कहा की हमें अपने कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°, इतिहास à¤à¤µà¤‚ धरोहर के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ समà¥à¤®à¤¾à¤¨ का à¤à¤¾à¤µ पैदा करना होगा तà¤à¥€ देश पà¥à¤°à¥‡à¤® की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ होगी। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने सामà¥à¤°à¤¾à¤œà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ इतिहास लेखन से निषà¥à¤ªà¤•à¥à¤· à¤à¤µà¤‚ तथà¥à¤¯à¥‹à¤‚ पर आधारित इतिहास लेखन की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ पर जोर दिया। धरोहर संरकà¥à¤·à¤£ से सबंधित अपने कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ के अनà¥à¤à¤µ à¤à¥€ साà¤à¤¾ किà¤à¥¤
मà¥à¤–à¥à¤¯ अतिथि पà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¸à¤° अमेरिका सिंह, माननीय कà¥à¤²à¤ªà¤¤à¤¿, मोहनलाल सà¥à¤–ाड़िया विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯, उदयपà¥à¤° कà¥à¤²à¤ªà¤¤à¤¿ ने बताया कि हमारे इतिहास लेखन को सतà¥à¤¯ तथà¥à¤¯à¥‹à¤‚ के साथ पà¥à¤¨à¤ƒ लेखन की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ है इस हेतॠपà¥à¤°à¤œà¥‹à¤° कोशिश की जानी चाहिà¤à¥¤ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने आगे बताया की अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ में CBCS के माधà¥à¤¯à¤® से यदि पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ तकनीकी à¤à¤µà¤‚ विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ का विशेष शोध कर के यदि à¤à¤• विषय के रूप से इसे अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¨ हेतॠअà¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚तà¥à¤°à¤¿à¤•à¥€ à¤à¤µà¤‚ तकनीकी महाविदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के पà¥à¤°à¤¥à¤® सेमेसà¥à¤Ÿà¤° में चलाया जाà¤à¥¤ इसके अतिरिकà¥à¤¤ इतिहास से समà¥à¤¬à¤‚धित समà¥à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤“ पर à¤à¥€ बल दिया।
कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® के आयोजन सचिव डॉ मनीष शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¾à¤²à¥€ ने बताया कि विà¤à¤¾à¤— अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· पà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¸à¤° दिगà¥à¤µà¤¿à¤œà¤¯ à¤à¤Ÿà¤¨à¤¾à¤—र नेतृतà¥à¤µ का सà¥à¤µà¤¾à¤—त किया à¤à¤µà¤‚ इतिहास लेखन की विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ धाराओं के बारे में अपने विचार वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ किà¤à¥¤ कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® के मà¥à¤–à¥à¤¯ वकà¥à¤¤à¤¾ इलाहाबाद विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के पà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¸à¤° हेरमà¥à¤¬ चतà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦à¥€, ने बताया कि à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ इतिहास लेखन किस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° से पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ हà¥à¤† तथा सामà¥à¤°à¤¾à¤œà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦à¥€ विचारधारा के लेखक जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने किस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° योजनाबदà¥à¤µ तरीके से उसे पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ किया। जेमà¥à¤¸ मिल दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ लिखित बà¥à¤°à¤¿à¤Ÿà¤¿à¤¶ हिसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€ ऑफ इंडिया में जो कि तीन खंडों में लिखी गयी परनà¥à¤¤à¥ उसे पूरे अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ चशà¥à¤®à¥‡ से ही लिखा।
1857 की कà¥à¤°à¤¾à¤‚ति के बाद इतिहासकार à¤à¤²à¤«à¤¿à¤‚सà¥à¤Ÿà¤¨ को अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ सरकार दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ पूछे जाने पर की किस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° शासन को सà¥à¤¥à¤¾à¤¯à¤¿à¤¤à¥à¤µ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ किया जाठतो उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने बताया कि रोम पर शासन पदà¥à¤§à¤¤à¤¿ को अपनाया जाठइसी से devide and rule के सिदà¥à¤§à¤¾à¤‚त का जनà¥à¤® हà¥à¤†à¥¤ हालांकि लिखित à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ इतिहास पर à¤à¤²à¥à¤«à¤¿à¤‚सà¥à¤Ÿà¤¨ की पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• में à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯à¥‹à¤‚ को काफी पà¥à¤°à¤¸à¤‚शा à¤à¥€ की गई है। लेकिन वह सब इनकी योजनाबदà¥à¤§ तरीके से किया गया था। बाबरनामा का उदाहरण à¤à¥€ देते हà¥à¤ बताया कि बाबर ने कà¥à¤› अधà¥à¤¯à¤¾à¤¯ अपूरà¥à¤£ छोड़ दिये परनà¥à¤¤à¥ बेवरिज नामक लेखिका ने अपने ही मनगंडत तरीके से उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ पूरà¥à¤£ कर लिख दिया गया।
उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने बताया à¤à¤¾à¤°à¤¤ मे इतिहास लेखन की परमà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤“ तो ऋगà¥à¤µà¥ˆà¤¦à¤¿à¤• काल से ही चली आ रही है और रही बात वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• इतिहास लेखन की तो पशà¥à¤šà¤¿à¤® में à¤à¥€ 19 वी सदी में हà¥à¤† था और à¤à¤¾à¤°à¤¤ मे à¤à¥€ तब ही शà¥à¤°à¥‚ हो पाया। कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® की अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ पà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¸à¤° सी.आर. सà¥à¤¥à¤¾à¤°, अधिषà¥à¤ ाता, सामाजिक विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ à¤à¤µà¤‚ मानविकी महाविदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯,उदयपà¥à¤° ने की।
पà¥à¤°à¥‹.पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤à¤¾ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ कारà¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ ने पधारे हà¥à¤ सà¤à¥€ अतिथियों à¤à¤µà¤‚ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤à¤¾à¤—ियों का धनà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ जà¥à¤žà¤¾à¤ªà¤¨ किया गया। कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में विà¤à¤¾à¤— के डॉ. पीयूष à¤à¤¦à¤µà¤¿à¤¯à¤¾, डॉ. कैलाश चंद गà¥à¤°à¥à¤œà¤°, डॉ. पी. à¤à¤¸. राजपà¥à¤¤, अजय मोची, दिलावर सिंह, जानà¥à¤¹à¤µà¥€ तथा 70 से अधिक शोधारà¥à¤¥à¥€ उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ थे।
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Last Updated on : 26/12/24
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